लखनऊ, नवम्बर 11 -- लखनऊ, संवाददाता। भारतीय ज्ञान परम्परा केवल शिक्षा प्रणाली नहीं बल्कि जीवन मूल्यों, नैतिकता और मानवता की आधारशिला है। ये बातें डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधितार्थ विभाग की ओर से आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता दिल्ली विवि केंद्रीय शिक्षा संस्थान के प्रो. प्रवीण कुमार तिवारी ने कहीं। उन्होंने खगोलशास्त्र, रसायन विज्ञान और गणित में भारत के योगदान की चर्चा करते हुए बताया कि भारत ने हमेशा विविधता का सम्मान किया है। भारतीय ज्ञान परम्परा विषय के व्याख्यान में 350 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑफलाइन व ऑफलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया। इस दौरान संकायाध्यक्ष विशेष शिक्षा डॉ. कौशल शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. आद्या शक्ति राय, प्रो. राजीव नयन पांडेय, प्रो. वीके सिंह, प्रो. अश्वनी कुमार दुबे, डॉ. मृत्युंजय म...