नई दिल्ली, मई 31 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। भारत के विकास का मूलमंत्र एकात्म मानववाद है। जनसंघ की स्थापना के वक्त तय किया था कि इसके अंतर्गत संगठन बनाना नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन करना है। यह बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद पर अभिभाषणों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर कही। वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन व पीपीआरसी द्वारा एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मानववाद पर दो दिवसीय सेमिनार व प्रदर्शनी में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद देश में सबसे बड़ी चुनौती समाज से चल रहे वैचारिक भ्रम थे। स्वाधीनता का मतलब सिर्फ अंग्रेजों से आजादी और अपने लोगों का राज्य लाना सिर्फ इतना नहीं था। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था क...