मॉस्को, अक्टूबर 8 -- वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य में, रूस और भारत के बीच सदियों पुरानी दोस्ती एक बार फिर नई ऊंचाइयों को छूने वाली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर में प्रस्तावित भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि आर्कटिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौते की नींव भी रखेगी। यह समझौता नॉर्दर्न सी रूट (NSR) और संसाधन विकास पर केंद्रित होगा जो भारत को आर्कटिक परिषद में बड़ी भूमिका दिलाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह कदम न केवल आर्थिक अवसरों के द्वार खोलेगा, बल्कि चीन की बढ़ती आर्कटिक महत्वाकांक्षाओं के बीच रूस के लिए एक रणनीतिक संतुलन भी साबित होगा।पारंपरिक दक्षिणी समुद्री मार्गों की तुलना में छोटा यह मार्ग ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली की नॉर्दर्न सी रूट के विकास में संभावित भागीदारी को ले...