वाराणसी, अक्टूबर 12 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। आधुनिक विज्ञान ब्रह्मांड के जिन रहस्यों को अब तक समझ नहीं पाया है। उनका उद्घाटन भारतीय ज्योतिष विज्ञान ने सदियों पहले कर दिया है। सटीक गणना के आधार पर भविष्य में होने वाली हर गतिविधि की पूर्व में जानकारी संभव है। ज्योतिष विज्ञान की भारत के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका है। यह किसी एक व्यक्ति का मंतव्य नहीं बल्कि विद्वानों के विचारों का सारांश है। देश के विभिन्न हिस्सों से जुटे ज्योतिष विदों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को ये बातें सामने आईं। ज्योतिष विज्ञान समिति की ओर से सिगरा स्थित एक होटल में हुए राष्ट्रीय ज्योतिष विज्ञान सम्मेलन के मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा और विशिष्ट अतिथि सीडीओ हिमांशु नागपाल रहे। अध्यक्षीय संबोधन प्रो. नागेंद्र प...