नई दिल्ली, जून 10 -- भारत की आबादी इस साल के अंत तक 1.46 अरब पहुंचने की संभावना है जिसके बाद भारत जनसंख्या के मामले में पहले स्थान पर बना रहेगा लेकिन हैरानी की बात है कि देश की प्रजनन क्षमता प्रतिस्थापन दर से भी नीचे पहुंच गई है। संयुक्त राष्ट्र की जनसांख्यिकी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। वास्तविक प्रजनन संकट शीर्षक वाली संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की विश्व जनसंख्या स्थिति (एसओडब्लूपी) रिपोर्ट 2025 में घटती प्रजनन क्षमता से घबराने के बजाय अपूर्ण प्रजनन लक्ष्यों पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लाखों लोग अपने प्रजनन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत को मध्यम आय वाले देशों के समूह में रखा गया है, जो तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन से गुजर...