वाराणसी, अप्रैल 6 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। वर्ष 1868 में तीन अप्रैल को जब काशी में 'जानकी मंगल नाटक का मंचन किया गया था, उस दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। हिंदी तिथि के आधार पर यह दिवस इस वर्ष आठ अप्रैल को पड़ेगी। इस अवसर पर काशी के रंगकर्मियों एवं भारतेंदु परिवार की ओर से सगोष्ठी एवं पुस्तक विमोचन का आयोजन चौखंभा स्थित भारतेंदु भवन में मध्याह्न 12:30 बजे से किया गया है। कार्यक्रम संयोजक जयदेव दास ने बताया कि जानकी मंगल नाटक पं. शीतला प्रसाद त्रिपाठी ने लिखा था। इसके मंचन में भारतेंदु हरिश्चंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसे हिंदी रंगमंच के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना के तौर पर देखा जाता है। इस विषय पर विचार गोष्ठी के साथ ही भारतेंदु युगीन बनारस थियेटर और नेशनल थियेटर के बारे में भी चर्चा की जाएगी। मुख्य वक्ता अजय रतन बनर्ज...