मुजफ्फरपुर, नवम्बर 22 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में दर्शनशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. निखिल रंजन प्रकाश ने कहा कि ऋत अदृश्य है, लेकिन हमारे समक्ष धर्म के रूप में है। भारतीय सांस्कृतिक परंपरा बांटकर देखने की नहीं है, यह तो समरूप भाव से सबको साथ लेकर आगे बढ़ती है। वे शनिवार को आरडीएस कॉलेज में विश्व दर्शन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एकदिवसीय व्याख्यान में बोल रहे थे। स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में "भारतीय दर्शन में नीतिशास्त्र : ऋत से राजनीति तक" विषय पर व्याख्यान आयोजित था। मुख्य वक्ता प्रो. निखिल ने कहा कि भारत में जिस प्रकार सबकुछ नीति पर आधारित है, उसी प्रकार ऋत और राजनीति भी है। विशिष्ट वक्ता आरबीबीएम कॉलेज की दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. रेणुबाला ने कहा कि नीतिशास्त्र का आधार द...