सहारनपुर, नवम्बर 4 -- जैन अतिथि भवन में चल रहे श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के दौरान मंगलवार को आचार्य श्री 108 अरूण सागर महाराज जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमारे देश की शान और प्राण है। जैन अतिथि भवन में मुनि श्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमारे देश की शान और प्राण है परंतु बिना संस्कारों के संस्कृति रक्षा क्या स्वयं की रक्षा भी नहीं हो पाएगी। संस्कारों से ही संस्कृतिका हुआ है। संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कारों का बीजारोपण तथा संस्कारों को पवित्र बनाने की आज महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संस्कारों से ही धर्म बचेगा। मनुष्य से पलायन करती मनुष्यता को बचाना है। हिंया काहास करना है तथा अराजकता और अशांति मिटाकर शांति पाना है तो संस्कारोंके माध्यम ये ही पा सकोगे। मुनि श्री ने कहा कि यदि संस्कारों के अंकुर अंकुरित होंगे तो एक दिन पुनः राम...