गढ़वा, सितम्बर 26 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। सृष्टि में परिवार निर्माण की पहली सीख भगवान शिव ने दी थी। भगवान शिव का परिवार अनोखा और अनुकरणीय है। शिवजी के परिवार में अलग-अलग प्रकृति के जीव रहने के बावजूद सभी मिलजुल कर रहते हैं। यह सीख किसी भी परिवार निर्माण के लिए हो सकती है। यह बात गायत्री परिवार के विनोद पाठक ने कही। ओम समिति द्वारा गायत्री शक्तिपीठ कल्याणपुर में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन शिव-विवाह प्रसंग के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की सवारी बैल है, जबकि मां भवानी की सवारी शेर है। हम जानते हैं कि बैल शेर के लिये आहार होता है। चूंकि दोनों एक ही परिवार क अंग हैं, इसलिए शेर का बैल के प्रति हिंसक भाव नहीं है। इसी तरह से गणेशजी की सवारी चूहा है, जबकि शिवजी के गले में सर्प है। चूहा सर्प का आहार है, लेकिन दोनों एक परिव...