हरिद्वार, अक्टूबर 6 -- जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि महाकवि कुंवर चन्द्रप्रकाश सिंह न केवल एक सशक्त साहित्यकार थे, बल्कि भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति के अग्रदूत भी थे। उनके काव्य में हमें भारतीय जीवन-दर्शन की झलक मिलती है, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि ऐसे साहित्यकारों का सम्मान और उनके साहित्य पर विमर्श की आवश्यकता है। उन्होंने कनखल के जगद्गुरु आश्रम में सोमवार को महाकवि कुंवर चन्द्रप्रकाश सिंह की काव्य साहित्य साधना पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में यह बातें कही। इससे पहले उन्होंने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी, डॉ. चन्द्र पाल शर्मा, शशि प्रकाश सिंह, डॉ. सुनील कुमार बत्रा और डॉ. गजेन्द्र सिंह भदौरिया के साथ दीप जलाकर संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
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