मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 27 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। भारतीय शास्त्रीय संगीत परंपरा की समृद्ध विरासत से शहरवासी रविवार को रूबरू होंगे। पं. सरयू पाठक ध्रुपद केंद्र संगीत सह समान समारोह का आयोजन बाबा गरीबनाथ मंदिर सभागार में किया गया है। स्वर लोक की ओर से इसका आयोजन कराया जा रहा है। पं. कामोद पाठक ने कहा कि ध्रुपद गायन शैली हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित शैली है, जो वेदों के सामगान से विकसित हुई है। इसमें राग की शुद्धता, नाद की महत्ता और भक्ति पर जोर दिया जाता है। हमारे दादा जी पं. सरयू पाठ इस गायन शैली की परंपरा को बढ़ाते आए। र अब हमारी कोशिश है कि इसे आगे की पीढ़ी तक पहुंचाया जाए। दादा जी के नाम से पिछले वर्ष डाक टिकट भी जारी किया गया। यह केंद्र 1960 से स्थापित है। रमणा स्थित यह केंद्र ध्रुपद शैली की विरासत को...