नई दिल्ली, अक्टूबर 4 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई H-1B योजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में यूनियनों, नियोक्ताओं और धार्मिक संगठनों के एक गठबंधन ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को चुनौती दी है। यह मुकदमा राष्ट्रपति के उस आदेश को रद्द करने की मांग करता है, जिसमें H-1B आवेदन पर एकमुश्त 1 लाख डॉलर (लगभग 83 लाख) की फीस लगाने का प्रावधान किया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह कदम गैरकानूनी है और H-1B कार्यक्रम में अभूतपूर्व बदलाव है। दलील दी गई है कि राष्ट्रपति के पास स्वतंत्र रूप से राजस्व जुटाने या कर लगाने का अधिकार नहीं है और न ही वह यह तय कर सकते हैं कि इन निधियों का उपयोग कैसे होगा। मुकदमे में फीनिक्स डो नाम की एक भारतीय नागरिक का उदाहरण दिया गया है, जो उत्तरी कैलिफोर्निया में रहकर पोस्टडॉक्टोरल श...