रांची, अगस्त 2 -- रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में शनिवार को निस्वानियत (नारीवाद) और तानीसियत (स्त्रीवाद) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ मोहम्मद रिजवान अली ने की। संगोष्ठी में विद्वानों ने नारीवाद और स्त्रीवाद के बीच के अंतर, कार्यक्षेत्र और वैचारिक पृष्ठभूमि की व्याख्या की। वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि इन दोनों शब्दों के बीच स्पष्ट भेद किया जाना चाहिए, ताकि शोध और आलोचना के क्षेत्र में किसी प्रकार का भ्रम न रहे और नई पीढ़ी के शोधार्थियों के बीच स्पष्टता स्थापित की जा सके। डॉ रिजवान अली ने कहा कि हिंदी साहित्य में नारीवाद का अनुवाद सामान्यतः फेमिनिज्म, किया जाता है, जो एक हद तक सही है, लेकिन भारतीय परिप्रेक्ष्य में नारीवाद (निस्वानियत) और स्त्रीवाद (तानीसियत) के ब...