रांची, जुलाई 22 -- रांची, विशेष संवाददाता। रांची विश्वविद्यालय (आरयू) में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हुई। दूसरे दिन उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश विषय पर चर्चा की गई। वक्ताओं और विषय विशेषज्ञों ने भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न संदर्भों पर गहनता से जानकारी दी। प्रशिक्षक डॉ कुशाग्र राजेंद्र ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञाप परंपरा बहुत ही वैज्ञानिक है और इस ज्ञान प्रणाली को आत्मसात करना होगा। कहा कि हमारे यहां पूजा में भी पंडितजी कहते हैं जंबूद्वीपे, भारतवर्षे, आर्यावर्ते। मैक्समूलर, विलियम डूरेंट, रोमेन रोलैंड, मार्क्स ट्वैन, जैसे विद्वान भारत को अच्छे संदर्भ में देखते थे। वह भी तब जब भारत पर अंग्रेजों का शासन था। वह भारत को कई मायनों में पूरे विश्व की मां कहते हैं। डॉ कुशाग्र ने कहा कि ...