रांची, जुलाई 17 -- रांची। मदनमोहन मालवीय टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर, मोरहाबादी में भारतीय ज्ञान परंपरा की संस्कृति पर संगोष्ठी का आयोजन गुरुवार को किया गया। इसमें रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सहायक अध्यापक कंजीव लोचन ने विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में स्त्रियों समेत समाज के सभी वर्गों की समुचित भागीदारी थी। उन्होंने व्यास, वाल्मीकि, नामदेव, कबीर, दादू दयाल आदि के उदाहरण को प्रस्तुत करते हुए कहा कि अतीत में पिछड़े समझे जाने वाले वर्ग के लोगों में से कई ऐसे संत हुए जिन्हें पूरे देश ने अपना नायक माना और उनसे प्रेरणा ग्रहण ली। मौके पर डॉ किशोर सुरीन, बहलीन होरो, जयप्रकाश रजक उपस्थित थे।
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