दरभंगा, नवम्बर 28 -- दरभंगा, नगर संवाददाता। मिथिला की दार्शनिक परंपरा प्राचीन एवं समृद्ध रही है। मिथिला के प्रसिद्ध दार्शनिक मंडन मिश्र प्रसिद्ध मीमांसक कुमारिल भट्ट के शिष्य थे। उनका जीवन शास्त्रार्थ एवं विद्वता का श्रेष्ठ उदाहरण है। ये बातें सीएम कॉलेज के दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. आदित्य कुमार सिंह ने कही। वे शुक्रवार को लनामिवि के पीजी संस्कृत विभाग में संचालित मंडन मिश्र पीठ तथा डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 'भारतीय दर्शन और मंडन मिश्र' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मीमांसा के श्रेष्ठ विद्वान मंडन मिश्र का मानना था कि कर्म ही धर्म का मूल आधार है। उनका आदि शंकराचार्य से वाद-विवाद भारतीय दार्शनिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। इस शास्त्रार्थ ने मिथिल...