मुजफ्फर नगर, सितम्बर 9 -- श्री अग्रमलूकपीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर एवं प्रसिद्ध कथाव्यास राजेंद्रदेवाचार्य महाराज मंगलवार को अपने शिष्यों के साथ भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने प्राचीन सिद्ध वटवृक्ष की परिक्रमा की। पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज से भेंट की। देवाचार्य ने स्वामी कल्याणदेव अभिनंदन ग्रंथ का भी अवलोकन किया तथा कहा कि शुकतीर्थ भागवत के आदिवक्ता परमहंस चूड़ामणि श्री शुकदेव जी की भूमि है। वर्तमान समय में शुकतीर्थ सनातन संस्कृति के रक्षण, पोषण और आदर्श का केंद्र बिंदु बना हुआ है। वीतराग सन्त ने शुकतीर्थ धाम का जीर्णोंद्धार कर सनातन संस्कृति पुनर्जागरण का ऐतिहासिक तथा स्तुत्य कार्य किया। स्वामी कल्याणदेव महाराज भगवान शुकदेव जी तथा भागवत के परम कृपापात्र एवं सन्त समाज का मुकुट थे। इस दौरान कथाव्यास अचल कृष्ण शास्त्री...
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