जौनपुर, सितम्बर 3 -- चंदवक, हिन्दुस्तान संवाद। अत्यधिक सुख सुविधाओं के संसाधनों ने आज के परिवेश को ऐसा बदल दिया कि लोग भक्ति के मार्ग से वंचित होते जा रहे हैं। इसी कारण नई पीढ़ी में संस्कार, शिष्टाचार विलुप्त होता जा रहा है। आज प्रत्येक व्यक्ति में मृत्यु का भय बना रहता है। कब किस समय आकस्मिक बीमारी, दुर्घटना से मौत हो जाए। भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए भक्ति मार्ग ही सर्वोत्तम मार्ग है। यह बातें क्षेत्र के रेहारी गांव में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में आचार्य शिव स्वरूप महाराज ने कही। भागवत कथा के पूर्व कलश यात्रा निकली जो गोमती नदी के बरहपुर घाट से जल लेकर कलश यज्ञ स्थल पहुंची। कलश यात्रा में महिलाओं व बालिकाओं की अधिकाधिक संख्या थी। आयोजक प्रधान धर्मेंद्र सिंह नखड़ू ने आगंतुकों का आ...