जौनपुर, अप्रैल 24 -- बदलापुर। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़ी साधना करनी पड़ती थी। परन्तु कलियुग में कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। यह बातें कस्बा के वार्ड नंबर 15 सरोखनपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन मंगलवार शाम को वृंदावन से आए सत्यम महराज ने कही। उन्होंने कहा कि सुषुप्त ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जागृत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। इस कथा का मुख्य विषय भक्ति है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत है। यह कथा मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की...
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