रामपुर, फरवरी 23 -- श्री बालाजी युवा समिति के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिवस की कथा में कथा वाचक आचार्य व्योम त्रिपाठी ने भीष्म पितामह की कथा का वर्णन किया। व्योम त्रिपाठी ने बताया कि भीष्म पितामह ने भगवान को अपनी इति और मति दोनों समर्पित की हमको भी इन दोनों को भगवान को समर्पित कर देना चाहिए । व्योम त्रिपाठी ने शुकदेव जी के आगमन का समाचार,परीक्षित के जन्म का प्रसंग सुनाते हुए भागवत कथा का बहुत ही मार्मिक वर्णन किया। कथा पांडाल में राधे राधे, गोविंद गोविंद राधे,की धुन पर श्रोता झूमते नजर आए।
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