हापुड़, फरवरी 6 -- श्रीमद् भागवत कथा सुनने के नियमों की जानकारी देते हुए कथा सुनने से मिलने वाले पुण्य का उल्लेख कर धर्म के बताए सदम्मार्ग पर चलकर दीन दुखियों की हरसंभव मदद करने का संकल्प दिलाया गया। महाभारत कालीन पुष्पावती पूठ तीर्थनगरी के गंगा मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को महिला बच्चों समेत हजारों भक्तों की भीड़ जुटी। व्यास पंडित रामकृष्ण दास महाराज ने भागवत कथा के नियमों का वर्णन करते हुए बताया कि भागवत कथा कोई साधारण ग्रंथ नहीं है। जब भगवान श्री कृष्णा धरा धाम को छोड़कर गए तो उनके शरीर से एक ज्योति निकली, जो भागवत कथा में समा गई थी। भागवत कथा साक्षात भगवान श्री कृष्ण ही हैं। इसके बाद अमर कथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान शंकर ने अमरनाथ की गुफा में पार्वती को अमर कथा सुनाई। सुखदेव का अवतार वर्णन, राजा पर...