सिद्धार्थ, नवम्बर 8 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। खुनियांव क्षेत्र के सड़वा गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन गुरूवार की रात अवधधाम से पधारे कथा व्यास उत्तम कृष्ण शास्त्री ने कथा के महात्म्य का भावपूर्ण वर्णन किया। जिस सुनकर श्रद्धालु भक्त भाव- विभोर हो उठे। कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा श्रवण करने को पवनसुत हनुमान जी ने बैकुंठधाम त्याग दिया था। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि ईश्वर साक्षात्कार का माध्यम है। इस कथा को सुनने के लिए स्वयं देवता भी आतुर रहते हैं। हनुमान जी महाराज ने इस कथा का श्रवण करने के लिए बैकुंठ धाम का त्याग कर दिया था। कथा सुनने की ऐसी महिमा है कि जिसने इसे सुना उसके जीवन के सभी दुखों का अंत हो गया। कथा व्यास ने उदाहरण देते हुए बताया कि माता सती ने जब भागवत कथा का श्रवण...
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