लखनऊ, नवम्बर 28 -- भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति को भक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। मनुष्य जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होकर परम लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है। बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री श्याम मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के समापन दिवस पर शुक्रवार को भागवताचार्य किरीट भाई जी ने भागवत कथा के महात्म्य पर यह विचार रखे। उन्होंने कहा कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्रीकृष्ण सुदामा से समझा जा सकता हैं। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। द्वारिकाधीश के महल पर द्वारपालों ने सुदामा को रोक दिया। उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। द्वारपालों ने जैसे ही भगवान को बताया कि सुदामा आये हैं। कृष्ण द्वार की ओर भागे और सुदामा को सीने से लगा लिया। महल ले जाकर अभिनंदन किया। इस कथा को सुन भक्त भा...