गाजीपुर, मार्च 1 -- दिलदारनगर, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के शेरपुर गांव स्थित दुर्गा मंदिर पर आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को कथावाचक पं. सुखेन त्रिपाठी ने कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मन, बुद्धि, चित एकाग्र कर अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। श्रीमद भागवत कथा के श्रवण से महापापी धुंधुकारी का भी उद्धार हो गया। कथा व्यास ने बताया कि धुंधुकारी अति दुष्ट था। उसके पिता आत्मदेव भी उसके उत्पातों से दुखी होकर वन में चले गए थे। धुंधुकारी वेश्याओं के साथ रहकर भोगों में डूब गया और एक दिन उन्हीं के द्वारा मार डाला गया। अपने कुकर्मों के फलस्वरूप वह प्रेत बन गया और भूख प्यास से व्याकुल रहने लगा। एक...