बदायूं, सितम्बर 19 -- बिल्सी। नगर के ज्वाला प्रसाद जैन स्कूल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के आठवें दिन गुरुवार को कथावाचक रामचंद्राचार्य महाराज ने कथा के माध्यम से सत्य मार्ग पर चलने व ईश्वर की भक्ति के बारे में बताया। कहा, श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य को भक्ति के लिए ज्ञान की प्राप्ति होती है। उसी के आधार पर उसे मुक्ति मिलती है। श्रीमदभागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। धुंधुकारी अति दुष्ट था, उसके पिता आत्मदेव भी उसके उत्पातों से दुखी होकर वन में चले गए थे। वह अपने कुकर्मों के फलस्वरूप वह प्रेत बन गया। एक दिन व्याकुल धुंधकारी अपने भाई गोकर्ण के पास पहुंचा और संकेत रूप में अपनी व्यथा सुनाकर उससे सहायता की याचना की। अंत में स्वयं सूर्य नारायण ने गोकर्ण को निर्देश दिया कि श्रीमद्भागवत का पारायण कीजिए। धु...