गोपालगंज, अक्टूबर 13 -- कथा वाचक ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की कठोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं महर्षि नारद ने विवाह का संयोग बताया,नंदी पर सवार होकर भाले नाथ पहुंचे विवाह करने पंचदेवरी, एक संवाददाता। संत शिरोमणि बाबा विश्वभंर दास जी महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर श्री राम जानकी मंदिर भृंगीचक परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन रविवार की रात कथा व्यास राम अवध शुक्ल ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा व्यास ने बताया कि पर्वतराज हिमालय की कठोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में अवतरित होने का वरदान मिला। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। जब पार्वती बड़ी हुईं, पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। माता पार्वती बचपन से ही बाबा...
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