भागलपुर, दिसम्बर 1 -- भागलपुर। ठंड में बढ़ोतरी के साथ ही गंगा और कोसी नदी तटों पर प्रवासी पक्षियों का मेला सजने लगा है। इन्हीं जल पक्षियों की उपस्थिति और विविधता का वैज्ञानिक आकलन करने के लिए एक दिसंबर से 28 फरवरी तक एशियाई वाटरबर्ड सेंसस (एडब्ल्यूसी) आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार सुबह से विक्रमशिला गंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी भागलपुर में प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की गणना का कार्य आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। सेंचुरी के सुल्तानगंज से भागलपुर के बीच प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की गिनती चल रही है। इस सर्वेक्षण में प्रवासी पक्षियों में बार हेडड गूज बतख, कॉमन विजन, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, रुडी शेलडक, पलाश गल, बड़ा पनकौवा, स्पूनबिल, मार्श हरिएर, बूटेड ईगल इत्यादि दिख रहे हैं। स्थानीय पक्षियों में छोटा पनकौवा, स्मॉल प्रटिनकॉल, वाइट हेड...