बदायूं, सितम्बर 12 -- बदायूं। घर पर प्रसूताओं की डिलीवरी के बाद सबसे बड़ी दिक्कत बच्चों के जन्मप्रमाण पत्र की है। इसके लिए एक-दो नहीं दर्जनों लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं लेकिन यह भागदौड़ कम हो गई है। बस जागरूकता दिखाने की जरूरत है। ग्रामीण सीधे पंचायत घर जायें और पंचायत सहायक एवं सचिव को दस्तावेज दें। 21 दिन के अंदर दस्तावेज देने पर आसानी से जन्म प्रमाण पत्र बन जायेगा। जनपद में सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र बनने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर रखी है। अस्पतालों में जन्म लेने पर प्रमाण पत्र वहीं से बन जाता है लेकिन जिले में जो डिलीवरी प्रसूताओं की घर पर होती हैं। उनके सामने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का संकट आता है और परेशान होते हैं। पंचायत राज विभाग में ऐसे 50 से मामले लंबित हैं लेकिन इसका भी कारण है। अगर लोग प्रसूता की डिलीवरी के बाद 21 ...