मुजफ्फरपुर, नवम्बर 5 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। भाई-बहन का पवित्र त्योहार शामा-चकेवा का समापन बुधवार को मूर्ति विसर्जन के साथ हो गया। यह त्योहार छठ के पारण तिथि को शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा को संपन्न हो जाता है। पंडित जय किशोर मिश्र ने बताया कि यह मिथिला क्षेत्र का प्रसिद्ध लोकपर्व है, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। विसर्जन के दिन बहनें सामा और चकेवा की मिट्टी की मूर्तियों को सजाकर डोली में रखती हैं, जिन्हें नदी, तालाब या जलाशय में विसर्जित किया जाता है। विसर्जन की प्रक्रिया में सामा-चकेवा की मूर्तियों को सम्मानपूर्वक सजाना, भोजन कराना और सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। बुधवार की शाम शहर के नदी घाट एवं गांव के तलाबो में मूर्तियों का विसर्जन किया गया।

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