संवाददाता, मई 24 -- जिस चारपाई पर भाई की हत्या हुई, उसका खून गिरा, चारों बहनें उसे ही अपना भाई मानने लगीं। 10 साल बीत गए, भाई का खून इस चारपाई में कब का जज्ब हो चुका है।ोरोबचारपाई को राखी बांधती बहनों और उनकी आंखों से झर-झर बहते आंसू देख गांववालों की आंखे भी नम हो जाती हैं। यूपी के फतेहपुर के बकेवर कोतवाली क्षेत्र के सदान बदान का यह पुरवा गांव है। यहां रहने वाले राघवेंद्र यादव की हत्या को 10 साल हो चुके हैं। गुरुवार को ही उसके हत्यारे को उम्रकैद सुनाई गई। उसने जिस चारपाई पर राघवेंद्र को मौत के घाट उतारा था, उस पर लगे खून के धब्बे काले हो चुके हैं। माता-पिता बेटियों से कहते हैं.. अब इस चारपाई को भूल जाओ लेकिन बहनें मानने को तैयार नहीं हैं। चारपाई को बरामदे में सुरक्षित रखा है। यह भी पढ़ें- कौन है राजा कोलंदर? पढ़ें 14 कत्ल और इंसानी खोपड़ी...
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