रामपुर, नवम्बर 8 -- श्री राम कथा प्रसार समिति के तत्वाधान में एकता विहार में चल रही श्री रामकथा के छठे दिवस में कथा व्यास परमपूज्य श्री राजेन्द्र तिवारी ने प्रवचन देते हुए कहा कि भगवान से ध्यान हटना ही विपत्ति का आना है। कहा कि जनकनन्दिनी सीता जी सदैव भगवान श्रीराम के चरणों का अनुसरण करती रहीं, किन्तु जब दुष्ट मारीच द्वारा प्रस्तुत स्वर्ण मृग के रूप की माया में ध्यान चला गया तो वह विपत्ति का कारण बन गया। ईश्वर से दृष्टि हटते ही संसार की मायिक वस्तुएं मोह में फंसा लेती हैं और मनुष्य कष्ट का भागी बन जाता है। जब लक्ष्मण जी द्वारा रक्षित मर्यादा रेखा का उल्लंघन हुआ तो सीता जी मार्ग भटककर लंका तक पहुंचीं- इस प्रसंग द्वारा उन्होंने बताया कि मर्यादा ही जीवन में सुरक्षा-वृत्त है। माया रूपी मारीच वेग से आगे आगे भागता रहा, और भगवान श्रीराम उनके पीछ...