गढ़वा, सितम्बर 27 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। चिनिया रोड शिव मंदिर दुर्गा पूजा समिति के प्रवचन के दौरान कथावाचक पंडित धर्मराज शास्त्री ने कहा कि रामचरितमानस हमारे हिंदू सनातन संस्कृति में एक पुस्तक नहीं है बल्कि मानव जीवन की नियमावली है। भगवान श्री राम के द्वारा स्थापित जो मूल्य हैं वह मानवता को अत्यधिक ऊंचाई पर ले जाते हैं। अगर व्यक्ति श्री राम के आदर्शों को मान ले तो सच्चे अर्थों मे व्यक्ति जीवन को समझ सकता है। आज हर परिवार में राम जैसे बेटे की जरूरत है। हर परिवार में राम जैसे पति की जरूरत है। हर परिवार में राम जैसे भाई की जरूरत है क्योंकि राम एक ही धरती पर हुए। इतने लोग आए लेकिन राम जैसा कोई नहीं हुआ। इसी का संवर्धन हमारे यहां संत तुलसीदास ने अपनी अमर कृति रामचरितमानस में किया है। राम राजा के परिवार में पैदा हुए थे, लेकिन केवट से चरण धुलाकर उन्...
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