हापुड़, मई 6 -- किसी भी स्वार्थ के बिना भगवान श्रीकृष्ण और सुदाम जैसी मित्रता करने का संदेश देते हुए दीन दुखियों की हरसंभव मदद करने का संकल्प भी दिलाया। ब्रजघाट गंगानगरी की अमृत परिसर धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस में सच्ची मित्रता का जमकर गुणगान किया गया। वृंदावन धाम से आए व्यास पंडित मोहन दास ने कहा कि अगर मित्रता हो तो भगवान कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए, जिसमें कोई भी स्वार्थ होने की बजाए मित्रता का सच्चा भाव होना चाहिए। सच्ची दोस्ती वह होती है, जिसमें दोस्त की हरसंभव मदद और सहयोग किया जाए। जिस मित्रता में स्वार्थ होता है, वह झूठी और अवसरवादिता वाली होती है। आज का युवा झूठी मित्रता में फंसकर तरह तरह के गलत कार्योंं में उलझता जा रहा है। व्यास ने बताया कि सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को सत दिन तक भागवत कथा सुनाई,...