हापुड़, सितम्बर 24 -- श्री रामलीला समिति (रजि) हापुड़ द्वारा आयोजित श्री रामलीला महोत्सव पर श्री रामचरित मानस जी व व्यास जी का पूजन अर्चना कर आरंभ हुआ। रामलीला के मंचन में भगवान श्रीराम के राजा निषाद द्वारा पैर धुलवाने का मंचन किया गया। पवन देव चतुर्वेदी व्यास महाराज ने दिखाया कि भगवान श्री राम जी श्रंगवेरपुर में जाकर भीलो के राजा निषाद राज से मित्रता करते हैं और सुमंत जी को अयोध्या वापस भेजते है। भगवान श्री राम आगे वनों को चले तो मार्ग में गंगा पार करने को केबट से विनय करते हैं। केबट द्वारा भगवान से निवेदन किया जाता है कि आपके चरणो के लगने से पत्थर की शिला अहिल्या बन सकती है तो मेरी नाव तो लकडी की है मैं इसी से अपने परिवार को चलाता हूं यदि मेरी नाव में बैठना चाहते हो तो आपको चरण धुलवाले होंगे। अंत में प्रभु भक्त के आगे हारकर चरण धुलवाते ह...