सोनभद्र, मार्च 10 -- सांगोबांध, हिन्दुस्तान संवाद। विकास खंड बभनी के चकसानी गांव में चल रहे रासलीला के छठवें दिन श्रीकृष्ण रूक्मिणी विवाह के प्रसंग का मंचन किया गया। रासलीला में रुक्मणी व उसके भाई रुक्मण के पृथ्वी पर मनुष्य रूप में आने की महिमा का भी विस्तार से मंचन दिखा गया। रासलीला के प्रारंभ में कृष्ण भगवान के साथ गोपियों का मयूर नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। नारद जी भ्रमण पर निकले तो रुक्मणी के पिता से मिलकर उन्होंने बताया कि रुक्मणी का विवाह तीन पगों में तीन लोक नापने वाले त्रिलोकी नाथ श्रीकृष्ण जैसे योग्य वर से होगा। उन्होंने राजा भीष्मक को यह भी बताया कि रुक्मणी को ब्याहने के लिए उनके घर दो वर आएंगे। नारद की बात सुनकर रुक्मणी के भाई रुक्मण इस बात से नाराज हो जाते हैं। अपनी बहन रुक्मणी की शादी अपने मित्र राजा शीशपाल से कराना चाहते हैं...