मेरठ, अक्टूबर 9 -- सरधना। मोहल्ला छावनी स्थित विश्व भारती पब्लिक स्कूल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पांचवें दिन बुधवार की कथा में कथा वाचक शिवम शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। बताया कि श्रीकृष्ण ने सबसे पहले ईर्ष्या रूपी पूतना का वध किया। अर्थात जब तक मनुष्य अपने अंतकरण मे बैठी ईर्ष्या को नहीं मिटाता तब तक जीवन के वास्तविक मूल्यों की तरफ अग्रसर नहीं हो सकता। शिवम शास्त्री ने कहा कि मिट्टी खाने की लीला के माध्यम से श्रीकृष्ण ने मां यशोदा को अपने मुख में समस्त ब्रम्हाण्ड का दर्शन करा दिया। कहा कि अपनी जिव्हा के माध्यम से प्रेम, शांति और दूसरे का हित चिंतन करके बोली का प्रयोग करोगे तो सृजन, विकास और सुख जैसी दैवीय सम्पदा मिलेगी। यदि उसी जीभ से कोध का अनर्गल प्रलाप निकला तो दुख, विनाश, कलह, क्लेश, पीड़ा जैसी आसुरी ...
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