बस्ती, अप्रैल 21 -- बस्ती। प्रहलाद कॉलोनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रविवार को कथा व्यास देवस्य मिश्र ने श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन सुनाया। उन्होंने कहा कि निराकार की अपेक्षा साकार रूप की पूजा अधिक फलदायी होती है। गाय, गंगा और गायत्री सनातन संस्कृति की मूल आधारशिलाएं हैं, जिनका अनुसरण जीवन को पूर्णता प्रदान करता है। कथा में पूतना उद्धार, बकासुर वध की कथा सुनाया। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण कंस, पूतना और बकासुर जैसे असुरों का वध किसी भी देवता के माध्यम से करा सकते थे, लेकिन ब्रज की गोपियों के साथ महारास रचाने के लिए भगवान शिव को भी गोपी का रूप धारण करना पड़ा। यह इस बात का प्रतीक है कि भगवान के प्रेम में लीन होने के लिए ईश्वर स्वयं को भी भक्त रूप में ढालते हैं। कथा के दौरान गोवर्धन लील...