चंदौली, फरवरी 13 -- टांडाकला, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के हरनजूड़ा मोलनापुर गांव में सात द्विवसीय श्रीमद्भागवत कथा आयोजित की जा रही है। कथा के छठवें दिन कक्षा वाचक लालजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल सखा का विस्तृत वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण बचपन में बहुत लिलाएं की। इसमें श्रीकृष्ण सुदामा की दोस्ती एक मिशाल है। श्रीकृष्ण और सुदामा सामाजिक मर्यादाओं को लेकर अपने-अपने तरीके से सर्तक व सजग थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जहां राजा थे। वहीं सुदामा निर्धन व गरीब ब्राम्हण थे। वह गरीबी का दंश झेलते रहे। लेकिन अपने मित्र कृष्ण के यहां बदनामी के कारण नहीं गए। किन्तु पत्नी और बच्चों के असहनीय पीड़ा एवं ताना भरी बात से तंग आकर सुदामा श्रीकृष्ण के यहां गए। श्रीकृष्ण ने देखा कि बचपन का सखा द्वार पर आया है तो वह तुरन्त उसी बचपन के...
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