शाहजहांपुर, नवम्बर 20 -- तिलहर, संवाददाता। 21 कुण्डीय श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ एवं श्री राम कथा के तीसरे दिन श्री स्वामी गोविंदाचार्य जी महाराज ने भगवान शिव पार्वती के विवाह का मनोहारी वर्णन किया। श्री स्वामी गोविंदाचार्य जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे तो उसे दे...