शामली, अगस्त 7 -- बुधवार को नगर के माता वैष्णो देवी मंदिर में आयोजित शिव महापुराण कथा में कथाचार्य ब्रजमोहन शर्मा ने कहा कि हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ "शिव महापुराण" में भगवान शिव के कई रहस्यमयी अवतारों का उल्लेख मिलता है, जिनका उद्देश्य सृष्टि की रक्षा और अधर्म का विनाश रहा है। शिव के ये अवतार केवल शक्ति का प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान, भक्ति और लोक कल्याण के प्रतीक भी हैं। उन्होंने बताया कि जब माता सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमान सहकर आत्मदाह किया, तब भगवान शिव ने क्रोध में आकर वीरभद्र को उत्पन्न किया। वीरभद्र ने दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया और अधर्म का नाश किया। अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भगवान शिव ने भैरव रूप धारण किया। यह रूप न्याय, तंत्र और शक्ति का प्रतीक है। भैरव को काशी का रक्षक माना जाता है। शिव महापुरा...