मुरादाबाद, अप्रैल 27 -- कांठ। ग्राम नवादा स्थित श्री झाड नागराज मंदिर पर पांच दिवसीय शिव कथा के तीसरे दिन विख्यात कथावाचक आचार्य सत्यदेवानंद ने अपने प्रवचन में अमृत वर्षा करते हुए कहा कि समुद्र मंथन से भगवान शिव ने विष का सेवन संसार को बचाने के लिये किया था। यदि इस विष की एक बूंद भी धरती पर गिर जाती तब संसार नष्ट हो सकता था। उन्होंने कहा कि भगवान शिव सबसे पूर्व तमिलनाडु में अरुणाचलेश्वर में प्रकट हुए थे। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को शीतल प्रदार्थ अधिक प्रिय है। भक्ति भाव में कुछ चढ़ाया जा सकता है लेकिन भगवान शिव एक लोटा गंगाजल से प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि विष की गर्मी का ताप कम करने के लिए उन्होंने कैलाश पर्वत पर निवास स्थान बनाकर मस्तक पर चंद्रमा धारण कर लिया था। उन्होंने कहा कि भगवान गणपति, सूर्य, भगवान विष्णु, भगवान शिव एवं ...
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