बेगुसराय, नवम्बर 10 -- तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। जिस ग्रंथ में भक्त और भगवान के चरित्र का वर्णन हो उसे ही श्रमद भागवत कहते हैं। राजा परीक्षित को सुखदेव ने सौंपा तब ही पृथ्वी पर भागवत कथा का श्रवण संभव हो पाया। यह बात मधुरापुर दक्षिण टोले में आयोजित श्रीमदभागवत कथा में माधवाचार्य ने कही। सात दिवसीय भागवत कथा के प्रथम दिन कथा वाचक ने कहा कि भगवान ही सत्य है। इसलिए सभी को भगवान की चरणों में ही जीवन बीतना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आनंदविभोर होते रहे। कथावाचन को लेकर मधुरापुर दक्षिण टोले में पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। संत माधवाचार्य ने श्रद्धालु श्रोताओं से प्रश्न पूछते हुए कहा कि मानने वालों के लिए कण कण में ईश्वर का रूप है। अगर विश्वास नहीं हो तो कहीं भी ईश्वर नहीं है। शरीर का निर्माण पंच तत...