आरा, जुलाई 25 -- पीरो, संवाद सूत्र। परमानन्द नगर में चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संतश्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन करते हुए भगवान परशुराम के अवतार की कथा को विस्तार से बताया। स्वामी जी ने कहा कि भगवान विष्णु के 16वें अवतार हैं भगवान परशुराम। उनका अवतार थोड़ा कड़े स्वभाव के रूप में हुआ था, लेकिन भगवान परशुराम का विचार किसी के प्रति द्वेषभरा नहीं था। कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने क्षत्रिय समाज को अहित पहुंचाया था, लेकिन सबसे पहले सभी लोगों को भगवान परशुराम की पूरी जीवन लीला को पढ़ना चाहिए। क्षत्रिय समाज के प्रति कभी भी किसी भी प्रकार की द्वेषपूर्ण भावना नहीं रखी थी। भगवान परशुराम का जन्म भी विचित्र प्रकार से हुआ था। एक बार विश्वामित्र मुनि वशिष्ठ ऋषि के पास गए, जहां पर उचित सम्मान किया गया। विश्वामित्...