देवघर, सितम्बर 7 -- मधुपुर, प्रतिनिधि। आमतौर पर लोग मानते हैं कि मारवाड़ी समाज में जन्म के बाद अधिकांश लोग लाभ- हानि का हिसाब रखने और धन संपत्ति बनाने में अपना बहुमूल्य जीवन बिता देते हैं। लेकिन इससे इतर मारवाड़ी समाज के एक बाल ब्रह्मचारी बाबा ने सारी मान्यताओं को तोड़ कर रख दिया। श्री श्री 108 बाल ब्रह्मचारी बाबा भगवान दास जी भूखमारिया (खंडेलवाल) का जन्म 1889 ईस्वी में गिरिडीह (तब जिला हजारीबाग) में हुआ था। इनके पिता का नाम स्वर्गीय छोटेलालजी खंडेलवाल था। छोटेलालजी की चार संतान थी। जिसमें इनका स्थान तीसरा था। वे बचपन से ही भगवान के प्रति अनन्य आस्था रखते थे। जब कालक्रम में उनके विवाह की चर्चा चली, तब इन्होंने वैराग्य धारण कर लिया। व्रत, संकल्प लिया कि जीवन पर्यंत भिक्षाटन कर जीवन यापन करूंगा। सांसारिक जीवन से मुक्ति पाने के लिए इन्होंने ...