जमशेदपुर, दिसम्बर 28 -- श्री राजस्थान शिव मंदिर जुगसलाई में आयोजित पंचदिवसीय कथा नानी बाई रो मायरो के द्वितीय दिवस पर कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया। सर्वप्रथम व्यासपीठ की पूजा मुख्य यजमान किरण भाउका ने की। इसके बाद अरुण अग्रवाल ने सपत्नीक व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। कथा वाचन करते हुए राजस्थान के सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित चंद्रप्रकाश शास्त्री खाचरियावास ने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं और वही देखते हैं। उन्होंने भक्त नरसी मेहता और भगवान के आत्मीय मिलन की कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे भगवान ने अपने भक्त को धन्ना सेठ बना दिया और उन्हें अकूत संपत्ति प्रदान की। कथा के क्रम में नरसी भगत की पुत्री नानी बाई के भव्य और दिव्य विवाह प्रसंग का भी विस्तार से वर्णन किया गया। कथा के दौरान व्यासपीठ से बेटी बचाओ और कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश दिया...