मैनपुरी, मार्च 3 -- गंगापुर खेल मैदान में चल रही सात दिवसीय बुद्ध कथा के तीसरे दिन सोमवार को भगवान बुद्ध को मध्यम मार्ग के ज्ञान की कथा सुनाई गई। कथावाचक श्याम सुंदर बौद्ध व राजेश्वरी बौद्ध ने बताया कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के लिए कई वर्षों तक साधना की। राजकुमार सिद्धार्थ ज्ञान की प्राप्ति के लिए गया के ढुंगेश्वरी के बाद बकरौर गए और फिर बोधगया पहुंचे। जहां भगवान बुद्ध के कंकाल के रूप को देख सुजाता नाम की महिला ने जलपान कराया और खीर का प्याला दिया। खीर खाने के बाद भगवान बुद्ध को मध्यम मार्ग का बोध हुआ और वह फिर बोधगया के लिए निकल पड़े। बोधगया में पहुंचने के बाद उन्होंने साधना शुरू की। एक पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। जिसके बाद वह राजकुमार सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध कहलाए।
हि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.