सुपौल, जून 3 -- करजाईन बाजार, एक संवाददाता। हरिराहा पंचायत में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि हिरण्यकश्यपु और हिरण्याक्ष जैसे राक्षस से निवृत्ति के लिए ब्रह्माजी ने भगवान से प्रार्थना की तब जाकर के वाराह भगवान ने हिरण्याक्ष का संहार किया। भगवान वाराह के प्रसंग में उन्होंने पृथूजी महाराज का चरित्र, प्रियव्रत और उत्तानपाद का चरित्र तथा ध्रुवजी का चरित्र भी अति उत्साह पूर्वक सुनाया। ध्रुवजी के कथा के माध्यम से उन्होंने कहा कि किस प्रकार एक पुत्र अपने पिता के गोद में प्रेम करना चाहता है, लेकिन उसकी सौतेली मां सुरुचि द्वारा हाथ पकड़ कर उठा दिया जाता है। सौतेली मां ने ध्रुवजी को कहा कि यदि तुम सिंहासन पर बैठना चाहते हो पिता के ...