जहानाबाद, जुलाई 11 -- कलेर, निज संवाददाता। धर्म और आस्था की दुनिया में भक्त और भगवान का रिश्ता सबसे पवित्र माना गया है। यह केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहता। यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक होता है। इस विषय पर स्वाति किशोरी ने विचार रखे। उन्होंने बताया कि भगवान अपने सच्चे भक्तों को कभी नहीं छोड़ते। प्रवचन के माध्यम से बताया गया है कि भक्त किसी भी जाति, वर्ग या स्थिति में हो, भगवान की दृष्टि हमेशा उस पर रहती है। अगर मन में सच्ची भक्ति हो, तो भगवान खुद संकट के समय रक्षा करते हैं। स्वाति किशोरी ने पुराणों के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे भगवान ने हर युग में अपने भक्तों की रक्षा की। हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को रसातल में छिपा दिया, तब भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर पृथ्वी को बचाया और हिरण्याक्ष का वध किया। हिरण्यकशिपु ने अपने...