शामली, अप्रैल 2 -- मंगलवार को शहर के मंदिर हनुमान टीला में दो दिवसीय सत्संग के दूसरे दिन एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सतपुरुष बाबा फुलसन्दे वालों ने कहा कि हे पारब्रह्म परमेश्वर एक दिन मैं तेरी अर्चना में दीप की ज्योति की तरह बलता था और ना जाने कब तक बलता रहा। कहा कि ईश्वर ने उजाले और अंधकार को अलग-अलग किया, दिन और रात जमीन और आसमान चांद और सितारे आकाश में जगह-जगह दीपक की तरह से बाल रखे हैं। फिर एक दिन ना जाने तुझे क्या विचार आया कि प्रकाश की उस लहर को मिट्टी में मिला कर देवता, गंधर्व, नाग, किन्नर आदि रच डाले। वे शुद्ध हृदय से तेरी आराधना करते रहे। एक दिन जो दीप चौखट पर बलता था उसे तूने जमीन पर मनुष्य बनाकर भेज दिया और वो धूल में जगत के अंधयाव में, कांटो में बिंध कर तड़पने लगा, सिर पटकने लगा। फिर एक दिन वो ही सीखने लगा ज्ञान और ...