मुजफ्फर नगर, सितम्बर 13 -- हनुमान धाम में भागवत कथा श्रवण कराते हुए रेवासा वृंदावन से पधारे स्वामी राजेंद्र देवाचार्य महाराज ने कहा कि सेवक कमजोर हो सकता है, लेकिन गाय नहीं होती। गोवंश सुखी होगा,सब अच्छा होगा। दुख का विषय आश्रमों में दोगली जर्सी गायों का प्रवेश हो गया। इनसे तो भैंस का दूध सर्वश्रेष्ठ रहेगा। शकरा नस्ल नरक ले जाने वाली है। ताली तो बजा रहे हो,गाय तो पालते नहीं। पदमा गाय का दुध पीने वाले सौ साल तक बुढा नहीं होते। नेत्र ज्योति ज्यों की त्यों और दांत नहीं गिरेंगे। बाल सफेद नहीं होंगे। नन्द महल में पदमा नस्ल की एक लाख गाए रहती थी। पुराणों में वर्णन है, गायों की प्रजाति विलुप्त हो रही है। नस्ल संहार इतनी तेजी से हो रहा है विशुद्ध गाय की नस्ल मिलना भारत में कठिन है। विशिष्ट प्रकार योग की जो गाय है उसको पदमा कहते हैं। विश्व में उनक...